> Dr V Mohini Giri : महिला सशक्तिकरण के पथ पर अद्वितीय योगदान

Dr V Mohini Giri : महिला सशक्तिकरण के पथ पर अद्वितीय योगदान

समझदार और समर्पितता के साथ युगों तक अपने कार्यों से लोगों के दिलों में स्थान बनाए रखने वाली एक महान व्यक्ति, डॉ. वि. मोहिनी गिरि, हमारे बीच से चली गई हैं। उनका निधन, 86 वर्ष की आयु में, हमें एक विशेष युगानुसारी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। Dr V Mohini Giri  ने उस दौर में जब लड़कियां ज्यादा पढ़ा नहीं करती थीं, तब डॉक्टरेट की पढ़ाई की थी। डॉ. वि. मोहिनी गिरि ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए समर्थन प्राप्त किया। उनका समर्थन महिलाओं को उनके अधिकारों की सुरक्षा करने, आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपनी जगह बनाने में मदद करता है।

     Dr V Mohini Giri : महिला अधिकारों के क्षेत्र में प्रयासों के लिए पद्म भूषण से सम्मान

    1972 में, Dr V Mohini Giri  ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया और "युद्ध विधवा संघ" की स्थापना की। इस संघ का उद्देश्य युद्ध में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं को समर्थन और सहायता प्रदान करना था। इस कार्य में उन्होंने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प किया।


    Dr V Mohini Giri


    उनके समर्पण और प्रशिक्षण के फलस्वरूप, महिला अधिकारों के क्षेत्र में उनके योगदान को 2007 में "पद्म भूषण" से सम्मानित किया गया। इस सम्मान ने उनकी महानता को सार्वजनिक रूप से मान्यता प्रदान की और उनके कार्यों को समझाने का संकेत किया।

    युद्ध विधवा संघ" की स्थापना:

    युद्ध विधवा संघ" की स्थापना एक महत्वपूर्ण क्षण था जो युद्ध में पति को खोने वाली महिलाओं के लिए एक सहारा बना। इस संघ के माध्यम से, वह महिलाओं को आत्मनिर्भरता और समर्थन की दिशा में मार्गदर्शन करती रहीं और उन्हें सामाजिक समृद्धि की दिशा में अग्रसर करने के लिए साहायक बनाई गई।


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    डॉ. वि. मोहिनी गिरि: राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष (1995-1998)

    डॉ. वि. मोहिनी गिरि एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने अपने समर्पण और कार्यों से महिला समृद्धि और समाज में सामाजिक न्याय की ओर कदम बढ़ाया। 1995 से 1998 तक, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग के शीर्षक पर कुर्सी संभालते हुए उपाध्यक्ष के पद पर सेवा की।



    Dr V Mohini Giri


    • Dr V Mohini Giri  ने अपने कार्यक्षेत्र में अद्वितीय नेतृत्व का परिचय किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति अपनी निष्ठा से समाज को प्रेरित किया और एक समृद्धि भरा समाज बनाने के लिए मुख्यमंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों, और सामाजिक क्षेत्र के स्तर पर महत्वपूर्ण योजनाओं में योजना बनाई।

    • उन्होंने महिलाओं के समृद्धि के क्षेत्र में अनगिनत साधनों और योजनाओं की प्रेरणा दी। उन्होंने सामाजिक संरचनाओं को बनाए रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाए, जिससे महिलाएं समाज में बढ़ती हुई स्थिति में सहायक हो सकें।

    • उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रमुख के रूप में, समाज में सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाएं बनाईं और समर्थन की।

    • उनका कार्य आम लोगों और समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित रहा। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने, समाज में बदलाव लाने, और महिलाओं को समर्थन प्रदान करने में अपनी शक्तिशाली सेवाओं के लिए विख्यात हुईं।

    • Dr V Mohini Giri  की योजनाओं, कार्यक्षमता, और नेतृत्व की बजह से, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में एक अद्वितीय पहचान बनाई। उनका समर्पण और योजनाओं में उनका योगदान हमारे समाज को एक नई दिशा में बदलने में मदद करता है।


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    डॉ. वि. मोहिनी गिरि: सामाजिक सेवा संगठन की अध्यक्ष (शिक्षा, रोजगार, और आर्थिक सुरक्षा के अधिकार की समर्थन के लिए)

    Dr V Mohini Giri  ने  नेतृत्व का संदर्भ बनाकर नहीं सिर्फ राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में बल्कि एक सामाजिक सेवा संगठन के भी नेतृत्व की गई। इस संगठन ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सकारात्मक पहल की और उन्हें शिक्षा, रोजगार, और आर्थिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहायता प्रदान करने का कार्य किया।


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    • उनका संगठन ने महिलाओं और बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकारों की सुरक्षा के लिए समर्थन किया। शिक्षा को सुलभ और समर्थनयोग्य बनाने के लिए उन्होंने कई योजनाएं शुरू की जिनसे लोगों को शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ा।

    • सामाजिक सेवा संगठन ने रोजगार के क्षेत्र में भी विशेषज्ञता प्रदान की। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्गदर्शन किया और उन्हें साकारात्मक रूप से समर्थन किया ताकि वे आर्थिक सुरक्षा की दिशा में अग्रसर हो सकें।

     

    पद्म भूषण से सम्मानित होना एक योगदान का स्वीकृति है, लेकिन Dr V Mohini Giri  ने कभी नहीं थामा, उन्होंने अगले कदमों की दिशा में बढ़ने का संकल्प लिया। उनकी साहसपूर्ण कहानी हमें सिखाती है कि समर्पण और संघर्ष से ही समाज में परिवर्तन आता है।

    Dr V Mohini Giri को उनके योगदान के लिए हम सभी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी अद्वितीय प्रेरणा को समर्थन करते हैं। उनका कार्य हमें यह सिखाता है कि व्यक्ति किसी भी विषय में यदि समर्पित है, तो उसे समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का साहस मिलता है।

     

    FAQ:

    Q1: डॉ. वी. मोहिनी गिरी  की जन्म तिथि क्या है?
    A1: डॉ. वी. मोहिनी गिरी का  जन्म 15 जनवरी 1938 को हुआ था।


    Q2: कौन थी डॉ. वी. मोहिनी गिरि और उनके क्या कार्य हुए?
    A2: वी. मोहिनी गिरि भारतीय सामुदायिक सेवा कर्मी व समाजसेवी थी। उन्होंने गिल्ड ऑफ सर्विस का नेतृत्व किया, महिला और बच्चों के अधिकारों का समर्थन किया। उन्होंने 1972 में वॉर विडोज़ एसोसिएशन और 1995-98 के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षता की है।


    Q3: वी. मोहिनी गिरि को  पद्म भूषण से कब  सम्मानित किया गया?
    A3: वी. मोहिनी गिरि को 2007 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण, भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी सामाजिक सेवा और योगदान के लिए था।


    Q4: क्या करती है गिल्ड ऑफ सर्विस, नई दिल्ली?
    A4: गिल्ड ऑफ सर्विस एक सामाजिक सेवा संगठन है जो 1979 में स्थापित हुआ। इसका काम महिलाओं और बच्चों के शिक्षा, रोजगार और आर्थिक सुरक्षा के अधिकारों की समर्थन करना है।


    Q5: सन् 1995 से 1998 तक किसकी अध्यक्षता की थीं वी. मोहिनी गिरि?
    A5: सन् 1995 से 1998 तक वी. मोहिनी गिरि ने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षता की। उन्होंने इस अवधि में महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और सुधार के लिए कठिन प्रयास किए।


    Q6: वी. मोहनी गिरि ने किस कार्यक्रम की स्थापना की थी?

    A6: वी. मोहनी गिरि ने वॉर विडोज़ एसोसिएशन की स्थापना की थी।

     

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